
Bundelkhand History | बुंदेलखंड का इतिहास
Bundelkhand History के शुरुआती दशक में राय बहादुर महाराज सिंह ने बुंदेलखंड का इतिहास लिखा था, पौराणिक काल में बुंदेलखड पर अनेक शासकों का शासन रहा जिसके कारण बुंदेलखंड का नाम समय समय पर बदलता रहा है। जहाँ जहाँ बुंदेला और उसके वन्सजो ने राज किया वह हिस्सा बुंदेलखण्ड कहलाया गया।
Bundelkhand History पर प्रकाश डाला जाये तो हमें अनेकों पौराणिक और ऐतिहासिक कथाओं का ज्ञान प्राप्त होगा। अनेक शासकों और वन्सजो के शासन का इतिहास होने के बावजूद भी बुंदेलखंड की अपनी समृद्धि ऐतिहासिक, सांस्कृति व सामाजिक पहचान को नाकारा नहीं जा सकता।
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बुन्देली संस्कृति को नस्ट करने के लिए अनेकों आक्रमण किए किये किन्तु वीर बुंदेला ने अपने प्राणों की बलि देकर अपने धर्म संस्कृति और रीति-रिवाजो की रक्षा की। बुंदेलखंड पर चन्देला व बुंदेला की पीडियो ने शासन करके इसको समृद्ध, संपत्ति और गरिमा प्रदान की है।/
बुंदेलखंड उत्तर मधय भारत का वह छेत्र है जहाँ पर लोगो की बोली से लेकर उनके रहन सहन के तरीके बाकी सब शहरो से अलग है। इन छेत्रो में ज्यादातर कच्चे व मिटटी से बने खपरैल घर पाये जाते है इस छेत्र मैं निम्नलिखित सहर (सिटी) व गाव (विलेज) सामिल है।
झांसी (JHANSI) - बांदा (Banda) - चित्रकूट (Chitrakoot) - महोबा (Mahoba) - हमीरपुर (Hamirpur) - ललितपुर (Lalitpur) - जालौन (Jalaun) - छतरपुर (Chhatarpur) - दमोह (Damoh) - दतिया (Datia) - पन्ना (Panna) - सागर (Sagar) - टीकमगढ़ (TikamGarh)
अपने बुंदेलखंड में बहुत से ऐतिहासिक महल, इमारते और सबसे खास यहाँ की खूबसूरती है जिसे देखने के लिए लोग पुरे देश और विदेश आते है। जिनमे कुछ मशहूर जगह खजुराहो के मंदिर, चित्रकूट के झरने जिसे नियाग्रा फाल्स के नाम से भी जाना जाता है, और भेड़ाघाट का मशहूर धुआँधार वॉटरफॉल और भी बहुत सी जगह है जो देखने लायक है लेकिन में इन सब की जानकारी एक ही आर्टिकल में नही दे पाउँगा इसलिए बाकि की जानकारी आपको आने वाले आर्टिकल्स में मिलेगी।
सारा बुंदेलखंड बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है।
आइये आप भी इस मुहीम में हमारा साथ दे और बुंदेलखंड को बदलने में अपना योगदान दे।